शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद
महादेव जी गाँधी जी के सहयोगी थे। उनका अधिकतर समय गाँधी जी के साथ देश भ्रमण तथा उनकी प्रतिदिन की गतिविधियों में बीतने लगा। वे समय-समय पर गाँधी जी की गतिविधियों पर टीका-टिप्पणी करते रहते थे। महादेव जी जो लिखते थे वह बड़ा सन्दर व सटीक होता था। वह चाहे साधारण लेख हो या विरोधी समाचार पत्रों की प्रतिक्रियाओं का जवाब, सभी में उनकी शिष्टाचार भरी शैली होती थी। उनके कॉलम सीधी सादी भाषा में सुस्पष्ट व उच्च भावों से भरे होते थे। वे विरोधियों की बातों का जबाव उदार हृदय से देते थे। यही कारण था कि वे सबके लाड़ले बन गए।
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