शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद
महादेव गांधीजी के लिए पुत्र से भी बढ़कर थे सन् 1917 में वे गांधीजी के पास पहुँचे थे। गांधीजी ने उनको तत्काल ही पहचान लिया और उनको अपने उत्तराधिकारी का पद सौंप दिया। फिर सन् 1919 में जलियांवाला बाग हत्याकांड के दिनों में पंजाब जाते हुए गांधीजी को पलवल स्टेशन पर गिरफ्तार कर लिया गया। गांधीजी ने उसी समय महादेव भाई को अपना वारिस कह दिया।
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