शुक्रतारे के सामान - स्वामी आनंद
महादेव भाई दिन में लगातार काम करते थे। लगातार चलने वाली यात्राओं, विशाल समुदायों, समाजों, मुलाकातों, चर्चाओं और बातचीतों के बीच स्वयं कब खाते, कब नहाते या कब सोते किसी को इसका कोई पता नहीं चल पाता था। वे दिन में लगभग 17-18 घंटे काम करते थे।
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