धर्म की आड़ - गणेशशंकर विद्यार्थी
वे लोग जो धर्म की आड़ लेकर लोगों को आपस में लड़वाते हैं आने वाला समय उन्हें टिकने नहीं देगा। जन साधारण की समझ में आ गया है कि बेईमानी करने और दूसरों को दुःख पहुँचाने की आजादी धर्म नहीं है। जहाँ धार्मिक नेता लोगों की भावनाओं से खेलता है। ऐसा धर्म शीघ्र नष्ट हो जाएगा।
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