कीचड़ का काव्य - काका कालेलकर

Question

(ख) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
कवियों की धारणा को लेखक ने युक्तिशुन्य क्यों कहा है?

Answer

लेखक ने कवियों की धारणा को युक्तिशून्य ठीक ही कहा है। वे बाहरी सुंदरता पर ध्यान देते है किंतु आंतरिक सुंदरता और उपयोगिता को बिलकुल नहीं देखते। यह कविजन कीचड़ में उगने वाले कमल को तो बहुत सम्मान देते हैं परन्तु कीचड़ का तिरस्कार करते हैं। वे केवल सौंदर्य को महत्त्व देते हैं उन्हें उत्पन्न करने वाले कारणों का सम्मान नहीं करते।

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Some More Questions From कीचड़ का काव्य - काका कालेलकर Chapter

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
कीचड़ जैसा रंग कौन लोग पसंद करते हैं?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
नदी के किनारे कीचड़ कब सुदंर दिखता है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
कीचड़ कहाँ सुदंर लगता है?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
'पंक’ और पंकज शब्द में क्या अतंर है?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
कीचड़ के प्रति किसी को सहानुभूति क्यों नहीं होती?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
ज़मीन ठोस होने पर उस पर किनके पदचिह्न अंकित होते हैं?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
मनुष्य को क्या भान होता जिससे वह कीचड़ का तिरस्कार न करता?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
पहाड़ लुप्त कर देनेवाले कीचड़ की क्या विशेषता है?

(ख) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
कीचड़ का रंग किन-किन लोगों को खुश करता हैं?

(ख) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए-
कीचड़ सूखकर किस प्रकार के दृश्य उपस्थित करता है?