एवेरेस्ट : मेरी शिखर की यात्रा - बचेंद्री पाल
एवरेस्ट शिखर को लेखिका ने पहले दो बार देखा था, लेकिन एक दूरी से। बेस कैंप पहुंचने पर दूसरे दिन उसने एवरेस्ट पर्वत तथा इसकी अन्य श्रेणियों को देखा। वह भौंचक्की होकर खड़ी रह गई और एवरेस्ट, होत्से और नुत्से की ऊंचाइयों से घिरी, बर्फीली, टेढ़ी-मेढ़ी नदी को निहारती रही।
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