एवेरेस्ट : मेरी शिखर की यात्रा - बचेंद्री पाल
निहारा है-प्रसन्नतापूर्वक देखा है।
लेखिका ने नमचे बाज़ार में पहुँचकर सबसे पहले एवरेस्ट को देखा था वह उसे देखते ही उसके सौंदर्य पर मुग्ध हो गई। इसलिए लेखिका इसे मात्र देखा न कहकर ‘निहारा’ करती है।
धसकना-नीचे को धँसना।
जब धरती का कुछ हिस्सा नीचे की ओर दब जाता है उसे धसकना कहते हैं।
खिसकना-अपनी जगह से हटकर परे चले जाना।
हिमपात से बर्फ की बड़ी-बड़ी चट्टानें खिसक जाती हैं।
सागरमाथा-संसार का सबसे ऊँचा स्थान।
जिस स्थान ने बचेंद्री पाल ने हिमालय की चढ़ाई आरंभ की, वह स्थान समुद्र तल का सर्वोच्च स्थान है। इसलिए उसे सागरमाथा ठीक ही कहा गया है।
नौसिखिया-अनजान।
तेनजिंग के सामने बचेंद्री पाल ने स्वयं को नौसिखिया पर्वतारोही कहा।
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