एवेरेस्ट : मेरी शिखर की यात्रा - बचेंद्री पाल

Question

(ग) निन्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए:
बिना उठे ही मैने अपने थैले से दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा निकाला। मैने इनको अपने साथ लाए लाल कपड़े में लपेटा, छोटी-सी पूजा-अर्चना की और इनको बर्फ़ में दबा दिया? आनदं के इस क्षण में मुझे अपने माता-पिता का ध्यान आया।

Answer

आशय-लेखिका एवरेस्ट शंकु की चोटी पर पहुँचने वाली प्रथम महिला थी। वह अपने साहस और हिम्मत से अपनी निर्धारित मंजिल तक पहुँच गई थी। वहाँ दो व्यक्तियों का इकट्‌ठे खड़े होना असंभव था। बर्फ़ के फावड़े से खुदाई करके उन्होंने अपने आपको सुरक्षित कर लिया। घुटनों के बल बैठकर सागरमाथा के ताज को चूम लिया। पूजा-अर्चना करते हुए लाल कपड़े में दुर्गा माँ का चित्र और हनुमान चालीसा लपेटी। बर्फ़ में उसे दबाया व माता-पिता का स्मरण करने लगी। यह लेखिका के लिए अत्यन्त गौरव का क्षण था। उन्हें आज भी एवरेस्ट पर चढ़ने वाली प्रथम भारतीय महिला के रूप में पहचाना जाता है।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
कैंप-चार कहाँ और कब लगाया गया?

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लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय किस तरह दिया?

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लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे किन शब्दों में बधाई दी?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
नज़दीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को कैसा लगा?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
डॉ. मीनू मेहता ने क्या जानकारियाँ दीं?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
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(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लोपसांग ने तंबू का रास्ता कैसे साफ़ किया?

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साउथ पोल कैंप पहुँचकर लेखिका ने अगले दिन की महत्वपूर्ण चढ़ाई की तैयारी कैसे शुरु की?