एवेरेस्ट : मेरी शिखर की यात्रा - बचेंद्री पाल

Question

(ग) निन्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए:
एवरेस्ट जैसे महान अभियान में खतरों को और कभी-कभी तो मृत्यु भी आदमी को सहज भाव से स्वीकार करनी चाहिए।

Answer

आशय - यह शब्द कर्नल खुल्लर ने अभियान दल के सदस्यों को कहे थे। जिनका आशय था कि एवरेस्ट पर पहुँचना एक महान अभियान है जिसमें खतरे तो रहते ही हैं। कभी-कभी किसी सदस्य की मृत्यु हो जाती है। इसमें कदम-कदम पर जान जाने का खतरा होता है। यदि ऐसा कठिन कार्य करते हुए मृत्यु भी हो जाए तो उसे स्वाभाविक घटना के रूप में लेना चाहिए। बहुत हाय तौबा नहीं मचानी चाहिए। क्योंकि ऐसे महान अभियानों में यह भी संभव है।

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निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
हिमस्खलन से कितने लोगों की मृत्यु हुई और कितने घायल हुए?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
मृत्यु के अवसाद को देखकर कर्नल खुल्लर ने क्या कहा?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
रसोई सहायक की मृत्यु कैसे हुई?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
कैंप-चार कहाँ और कब लगाया गया?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
लेखिका ने शेरपा कुली को अपना परिचय किस तरह दिया?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
लेखिका की सफलता पर कर्नल खुल्लर ने उसे किन शब्दों में बधाई दी?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
नज़दीक से एवरेस्ट को देखकर लेखिका को कैसा लगा?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
डॉ. मीनू मेहता ने क्या जानकारियाँ दीं?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
 तेनजिंग ने लेखिका की तारीफ़ में क्या कहा?

(क) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लेखिका को किनके साथ चढ़ाई करनी थी?