एवेरेस्ट : मेरी शिखर की यात्रा - बचेंद्री पाल
सम्मिलित अभियान में सहयोग और सहायता की भावना का परिचय लेखिका के इस काम से मिलता है। लेखिका ने अपने दल के दूसरे सदस्यों की मदद करने को निश्चय किया इसके लिए उसने एक थरमस को जूस से तथा दूसरे को गरम चाय से भरकर बर्फीली हवा में तंबू से बाहर निकली और नीचे उतरने लगी। जय ने उसके इस प्रयास को खतरनाक बताया तो बचेंद्री ने जवाब दिया 'मैं भी औरों की तरह पर्वतारोही हूँ इसलिए इस दल में आई हूँ। शारीरिक रूप से ठीक हूँ। इसलिए मुझे अपने दल के सदस्यों की मदद क्यों नहीं करनी चाहिए?’ यह भावना उसकी सहयोगी प्रवृत्ति को दर्शाती है।
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