दुःख का अधिकार - यशपाल

Question

पड़ोस की दुकानों पर बैठे अथवा बाज़ार में खड़े लोगों को भगवाना की माँ से घृणा क्यों थी।

Answer

पड़ोस की दुकानों पर बैठे अथवा बाजार में खड़े लोगों को भगवाना की माँ से इसलिए घृणा हो रही थी क्योंकि लड़के की मृत्यु के अगले ही दिन वह बाजार में खरबूज़े बेचने आ गई थी। उनके अनुसार सूतक के दिनों में घर में रहना चाहिए। जिन लोगों को इसके पुत्र के मरने का पता नहीं। वे यदि इससे खरबूज़े खरीदेंगे तो उनका ईमान-धर्म नष्ट हो जाएगा।

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Some More Questions From दुःख का अधिकार - यशपाल Chapter

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
उस स्त्री के लड़के की मृत्यु का कारण क्या था?

निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में लिखिए-
बुढ़िया को कोई भी क्यों उधार नहीं देता?

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
(क) 
मुनुष्य के जीवन में पोशाक का क्या महत्व है?

निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
पोशाक हमारे लिए कब बंधन और अड़चन बन जाती है?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लेखक उस स्त्री के रोने का कारण क्यों नहीं जान पाया?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
भगवाना अपने परिवार का निर्वाह कैसे करता था?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
लड़के की मृत्यु के दूसरे ही दिन बुढ़िया खरबूज़े बेचने क्यों चल पड़ी?

(क) निन्नलिखित प्रशनों के उत्तर (25-30 शब्दों में) लिखिए-
बुढ़िया के दु:ख को देखकर लेखक को अपने पड़ोस की सभ्रांत महिला की याद क्यों आई?

(ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों मे) लिखिए:
बाज़ार के लोग खरबूज़े बेचनेवाली स्त्री के बारे में क्या-क्या कह रहे थे? अपने शब्दों में लिखिए।



(ख) निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर (50-60 शब्दों मे) लिखिए:
पास-पड़ोस की दुकानों से पूछने पर लेखक को क्या पता चला?