अंतिम दौर-एक
सर सैयद अहमद खाँ एक ऐसे नेता हुए जो ब्रिटिश सत्ता के सहयोग से मुसलमानों को ऊपर उठाना चाहते थे। वे चाहते थे कि मुसलमान अग्रेंजी शिक्षा को स्वीकार कर लें। वे यूरोपीय सभ्यता से प्रभावित थे। उन्होंने ब्रिटिश सरकार से शैक्षिक सहायता प्राप्त करने हेतु, मुसलमानों में बिटिश विरोधी भावना को कम करने का प्रयास किया और उन्हें नेशनल कांग्रेस से हटाने की कोशिश भी की।
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