Good Evening
20:00 pm

Sponsor Area

Sponsor Area

Question is

निन्नलिखित गद्यांशों प्रशनों को पढ़कर नीचे लिखे  के उत्तर दीजिए-
हमारी सभ्यता इस धूल के संसर्ग से बचना चाहती है। वह आसमान में अपना घर बनाना चाहती है, इसलिए शिशु भोलानाथ से कहती है, धूल में मत खेलो। भोलानाथ के संसर्ग से उसके नकली सलमे-सितारे धुँधले पड़ जाएँगे। जिसने लिखा था- ‘‘धन्य- धन्य वे हैं नर मैले जो करत गात कनिया लगाय धूरि ऐसे लरिकान की,’’ उसने भी मानो धूल भरे हीरों का महत्त्व कम करने में कुछ उठा न रखा था।’ धन्य-धन्य ‘ में ही उसने बड़प्पन को विज्ञापित किया, फिर ‘मैले’ शब्द से अपनी हीनभावना भी व्यंजित कर दी, अंत में ‘ऐसे लरिकान’ कहकर उसने भेद-बुद्धि का परिचय भी दे दिया। वह हीरों का प्रेमी है, धूलि भरे हीरों का नहीं।
(क) पाठ तथा लेखक का नाम लिखो।
(ख) हमारी सभ्यता भूल के संसर्ग से क्यों बचना चाहती है।
(ग) इसमें आज की सभ्यता पर क्या व्यंग्य है?
(घ) अपने बड़प्पन को विज्ञापित करने से क्या तात्पर्य है?




Mock Test Series

Sponsor Area

Sponsor Area

NCERT Book Store

NCERT Sample Papers

Entrance Exams Preparation