For Daily Free Study Material Join wiredfaculty Whatsapp Group | Download Android App | Ncert Book Download
Sponsor Area
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:-पिता का उस पर अगाध प्रेम होने के कारण स्वभावत: ईर्ष्यालु और संपत्ति की रक्षा में सतर्क विमाता ने उनके मरणांतक रोग का समाचार तब भेजा, जब वह मृत्यु की सूचना भी बन चुका था। रोने-पीटने के अपशकुन से बचने के लिए सास ने भी उसे कुछ न बताया। बहुत बिन से नैहर नहीं गई, सो जाकर देख आवे, यही कहकर और पहना-उड़ाकर सास ने उसे विदा कर दिया। इस अप्रत्याशित अनुग्रह ने उसके पैरों में जो पंख लगा दिये थे, वे गाँव की सीमा में पहुँचते ही झड़ गये। ‘हाय लछमिन अब आई’ की अस्पष्ट पुनरावृत्तियाँ और स्पष्ट सहानुभूतिपूर्ण दृष्टियाँ उसे घर तक ठेल ले गई। पर वहाँ न पिता का चिन्ह शेष था, न विमाता के व्यवहार में शिष्टाचार का लेश था। दुःख से शिथिल और अपमान से जलती हुई वह उस घर में पानी भी बिना पिये उलटे पैरों ससुराल लौट पड़ी। सास को खरी-खोटी सुनाकर उसने विमाता पर आया हुआ क्रोध शांत किया और पति के ऊपर गहने फेंक-फेंककर उसने पिता के चिर विछोह की मर्मव्यथा व्यक्त की।1. विमाता ने किस कारण पिता के बारे में सूचना भेजने में विलम्ब किया? सास ने भी क्या सोचकर उसे नहीं बताया?2. वह किस रूप में कहाँ क्यों गई?3. भक्तिन ने अपने नैहर जाकर क्या सुना और क्या देखा?4. विमाता के व्यवहार पर लछमिन ने ससुराल में क्या प्रतिक्रिया प्रकट की?