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निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नो के उत्तर दीजिए:यह तेरी रण-तरीभरी आकांक्षाओं से,घन, भेरी-गर्जन से सजग सुप्त अंकुरउर में पृथ्वी के, आशाओं सेनवजीवन की, ऊँचा कर सिर,ताक रहे हैं, ऐ विप्लव के बादल!फिर-फिरबार-बार गर्जनवर्षण है मूसलाधार,हदय थाम लेता संसार,सुन-सुनघोर वज्र-हुंकार।1. बादलों को ‘विप्लव के बादल’ क्यों कहा गया है?2. बादलों की युद्ध-नौका में क्या भरा है? उसका लाभ किन्हें और कैसे मिलेगा?3. नवजीवन की आशा में कौन सिर उठाए हुए हैं? उन्हें क्रांति का लाभ किस प्रकार प्राप्त होगा?4. संसार बादल के किस रूप से त्रस्त है?