A.
कवि के दिल में झरना या मीठे पानी का स्त्रोत वस्तुत: क्या है? उस झरने की क्या विशेषता है?
| (i)
कवि के हृदय में झरना या मीठे पानी का स्रोत वस्तुत: प्रेम-भावनाएँ हैं। उस झरने की विशेषता यह है कि यह कभी खाली नहीं होता। कवि जितना इसे बाहर निकालने का प्रयास करता है, उतना यह पुन: भर जाता है।
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B.
‘गरबीली गरीबी’ और ‘भीतर की सरिता’ से कवि का क्या अभिप्राय है? कवि ने इनको ‘मैलिक’ क्यों कहा है?
| (ii)
कवि आत्मसम्मानी है। उसे अपनी गरीबी पर गर्व है। कवि ने इसे मौलिक इसलिए कहा है कि उसके जीवन की अनुभूतियों में कोई बनावट-मिलावट नहीं है। वे सभी मौलिक हैं।
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C.
कवि का रिश्ता किसके साथ है? उस रिश्ते को कवि ने किस रूप में कल्पित किया हैं?
| (iii)
कवि का रिश्ता अपनी प्रियतमा के साथ है। इस रिश्ते को कवि हृदय की गहराइयों से मानता है। कवि अपने हृदय से प्रेम को जितना उडेलता है, उसका मन उतना ही प्रेममय होता चला जाता है।
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D.
‘भीतर वह, ऊपर तुम’ से कवि का ससंकेत-किसकी ओर है? किसी का खिलता हुआ चेहरा उसको किस तरह आनंदित कर रहा है?
| (iv)
कवि के भीतर हृदय में प्रेम का झरना है और ऊपर वह प्रिय है। प्रिय का मुसकराता चेहरा कवि को आनंदित कर जाता है।
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