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19:24 pm

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Question is

निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:

हो जाए न पथ में रात कहीं,

मंजिल भी तो है दूर नहीं -

यह सोच थका दिन का पंथी भी जल्दी-जल्दी चलता है।

दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!

बच्चे प्रत्याशा में होंगे,

नीड़ों से झोंक रहे होंगे -

यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है!

दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!
A. प्रस्तुत काव्यांश में प्रकृति की परिवर्तनशीलता के दृश्य का अपने शब्दों में चित्रण कीजिए। (i) प्रकृति की परिवर्तनशीलता का दृश्य: दिन ढल चुका है, रात होने वाली है। पथिक जल्दी-जल्दी चलकर शीघ्र घर पहुंच जाना चाहता है। पक्षियों के बच्चे घोंसले से झाँक रहे है।
B. पंथी कौन है? वह पथ में जल्दी-जल्दी क्यों चलना चाहता है? (ii) पंथी मंजिल की ओर बढ़ने वाला कवि है। वह जल्दी-जल्दी इसलिए चलना चाहता है ताकि वह अपनी मंजिल तक पहुँच सके। यह मंजिल उसका जीवन भी हो सकती है।

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