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दो ध्रुवीयता का अंत

Question
CBSEHHIPOH12041346

निम्नलिखित कथन के पक्ष या विपक्ष में एक लेख लिखें - ''दूसरी दुनिया के विघटन के बाद भारत को अपनी विदेश-नीति बदलनी चाहिए और रूस जैसे परंपरागत मित्र की जगह संयुक्त राज्य अमरीका से दोस्ती करने पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। ''

Solution

मैं उपरोक्त कथन से पूर्णता: सहमत नहीं हूँ। सोवियत संघ के विघटन के पश्चात अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में कई बदलाव देखने को मिलते हैं, किन्तु केवल इन बदलावों को देखकर यह कहना कि भारत को अपनी विदेश नीति को बदलते हुए अपने पुराने मित्र (रूस) को छोड़कर नए (अमेरिका) से मित्रता का हाथ बढ़ाना चाहिए, ऐसे करना उचित प्रतीत नहीं होता।

पक्ष में तर्क: 

  1. रूस के साथ भारत के संबंध सदा ही घनिष्ठ तथा मित्रतापूर्ण रहे हैं और रूस सदा ही भारत की अपेक्षाओं पर खरा उतरा है। रूस ने भारत के विकास तथा सैन्य सामान देने में भारत की सहायता की है और इतना ही नहीं कश्मीर जैसे मुद्दे पर भी सदा ही भारत का साथ दिया है।
  2. सोवियत संघ का भारत के आर्थिक विकास में एक बहुत बड़ा योगदान रहा है। सोवियत संघ ने भारत के साथ रुपये को आधार मानकर व्यापार किया है।
  3. दिसम्बर 1991 में सोवियत विघटन के बाद अलग हुए राज्यों को भारत ने मान्यता दी तथा अपने मैत्रीपूर्ण संबंध कायम किए।
  4. भारत व पाकिस्तान के सीमा विवाद, कश्मीर विवाद के समय पर रूस ने भारत का समर्थन किया और आज भी रूस ने भारत के साथ परमाणु समझौता किया हैं।
  5. भारत-पाक कारगिल युद्ध के समय भी रूस ने भारत का समर्थन किया। 7 दिसम्बर, 1999 को भारत व रूस ने एक दसवर्षीय समझौते पर भी हस्ताक्षर किए।
  6. भारत के प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी ने 4 नवम्बर, 2001 को रूस की यात्रा की और आतंकवाद के विरुद्ध साझा घोषणा-पत्र जारी किया।

संक्षेप में हम यह कह सकते हैं कि रूस का दृष्टिकोण पूर्ण रूप से भारत के पक्ष में है, इसके विपरीत संयुक्त राज्य अमेरिका ने सदा ही पाकिस्तान का साथ दिया है और उसे भारत के विरुद्ध प्रयोग होने वाले सैनिक शास्त्र तथा टैंक आदि दिए हैं। अमरीका 'भारत व पाकिस्तान संबंधों में हमेशा अवसरवाद व मौकापरस्ती की नीति को अपनाता रहा है। अतः हम कह सकते हैं कि भारत को अपने हितो को ध्यान में रखते हुए अपनी विदेश नीति का निर्माण करना होगा उससे अपनी सुरक्षा तथा आर्थिक विकास को सुनिश्चित करते हुए अमेरिका से भी अच्छे संबंध बनाने चाहिए, परन्तु रूस के साथ भी पहले जैसे मज़बूत संबंध बनाए रखने होंगे।  

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