सभी नागरिकों को जीवन की न्यूनतम बुनियादी स्थितियाँ उपलब्ध कराने के लिए राज्य की कार्यवाई को निम्न में से कौन से तर्क से वाजिब ठहराया जा सकता है ?
(क) गरीब और ज़रूरतमंदों को निशुल्क सेवाएँ देना एक धर्म कार्य के रूप में न्यायोचित है।
(ख) सभी नागरिकों को जीवन का न्यूनतम बुनियादी स्तर उपलब्ध करवाना अवसरों की समानता सुनिश्चित करने का एक तरीका है।
(ग) कुछ लोग प्राकृतिक रूप से आलसी होते हैं और हमें उनके प्रति दयालु होना चाहिए।
(छ) सभी के लिए बुनियादी सुविधाएँ और न्यूनतम जीवन स्तर सुनिश्चित करना साझी मानवता और मानव अधिकारों की स्वीकृति है।
(क) सभी नागरिकों को जीवन की बुनियादी स्थितियाँ उपलब्ध कराने के आधार पर राज्य का गरीबों और जरूरतमंदों को दान के रूप में निशुल्क सेवाएँ देना अनुचित है। क्योंकि ये सेवाएँ उनका अधिकार है। इन्हें भिक्षा या कृपा के रूप में प्रदान नहीं किया जा सकता।
(ख) सभी नागरिकों को जीवन का न्यूनतम बुनियादी स्तर उपलब्ध करवाना अवसरों की समानता सुनिश्चित करने का एक तरीका है। यह तर्क बिल्कुल वाजिब ठहराया जा सकता है क्योंकि सभी नागरिकों को एक-समान अवसरों की उपलब्धता सुनिश्चित करना सरकार की ज़िम्मेदारी हैं।
(ग) कुछ लोग प्राकृतिक रूप से आलसी होते हैं और हमें उनके प्रति दयालु होना चाहिए। यह तर्क बिल्कुल वाजिब नहीं ठहराया जा सकता है क्योंकि प्राकृतिक रूप से आलसी होना किसी शारीरिक विकलांगता का परिचय नहीं देता।
(छ) सभी के लिए बुनियादी सुविधाएँ और न्यूनतम जीवन स्तर सुनिश्चित करना साझी मानवता और मानव अधिकारों की स्वीकृति है। यह तर्क बिल्कुल वाजिब ठहराया जा सकता है क्योंकि न्यूनतम बुनियादी स्थितियाँ उपलब्ध कराना राज्य के कार्यों के संबंध में न्यायसंगत हैं।