'राजनीति उस सबसे बढ़कर है, जो राजनेता करते हैं ।' क्या आप इस कथन से सहमत हैं ? उदाहरण भी दीजिए।
यह कथन सर्वथा सही हैं की राजनीति उन सबसे बढ़कर हैं, जो राजनीति आज के राजनेता करते हैं। हम निम्नलिखित दिए गए तथ्यों से यह बात साबित कर सकते हैं :
- वास्तव में आज के राजनेता राजनीति का वास्तविक मूल्य और उसका उद्देश्य ही भूल चुके हैं। वे केवल अपने निजी स्वार्थो (लाभ) के लिए ही कार्य (राजनीति) करते हैं। उन्हें जनता या उनकी समस्याओं के प्रति कोई संवेदना नहीं होती। जनता उनके लिए सिर्फ वोट-बैंक से बढ़कर और कुछ नहीं हैं।
- चुनाव से पहले अनेक राजनीतिक पार्टियाँ बढ़े-बढ़े वायदे करती हैं और सत्ता में आते ही उन वायदों को भूल जाती हैं। उन्हें इस बात का स्मरण नहीं रहता की राजनीति लोगो के पैरों की जूती हैं और राजनेता जनता के नौकर हैं।
- सरकारें कैसे बनती हैं और कैसे कार्य करती हैं, यह राजनीति में दर्शाने वाली महत्वपूर्ण बात हैं लेकिन फिर भी राजनीति सरकार के कार्यकलापों तक ही सीमित नहीं होती है।
- आस-पड़ोस इलाकों में भी लोग अपनी समस्याओं को हल करने और उससे सम्बन्धित मुद्दों को उठाने के लिए संघ का निर्माण करते हैं।
- छात्र कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में किसी विषय पर बहस करने अथवा किसी मुद्दे को हल करने के लिए यूनियन बनाते हैं।
- जब हम एक-दूसरे से बातचीत करते हैं और सरकार के निर्धारित लक्ष्यों को आकार देने का प्रयास करते और जब हम उसकी गलत नीतियों के विरुद्ध विरोध करते हैं तब हम राजनीतिक गतिविधियों में ही लिप्त होते हैं।
निष्कर्ष यह है कि राजनीति का जन्म इस तथ्य से होता है कि हमारे और हमारे समाज के लिए क्या उचित एवं वांछनीय है और क्या नहीं? कोई भी राजनेता राजनीति से ऊपर नहीं हो सकता।



