Sponsor Area

खेल चिकित्सा

Question
CBSEHHIPEH12037052

खेल चिकित्सा के उद्देश्य एवं लक्ष्य बताइए।

Solution

खेल चिकित्सा के मुख्य लक्ष्य इस प्रकार है:

  1. खेल चिकित्सा के प्रथम लक्ष्य के अनुसार: खेलों के दौरान खिलाड़ी को लगने वाली चोटों के बारे में पूर्ण रूप से ज्ञान नहीं होता है और सभी खेलों में चोट के लगने की प्रकृति एवं प्रकार में भिन्नता पाई जाती है। अत: खिलाड़ी जिस खेल में ट्रेनिंग ले रहा है या अभ्यास कर रहा है उस खेल में लगने वाली संभावित चोटों के बारे में खिलाड़ी को पूर्व में खेल चिकित्सक और प्रशिक्षण द्वारा बता देना चाहिए जिससे खिलाड़ी अपने को खेल के दौरान चोट ग्रस्त होने से बचा सके। इसके लिए प्रशिक्षण को भी खिलाड़ी की योग्यताओं, क्षमताओं और मानसिक चिंतन एवं उपकरण की जाँच तथा अन्य मनोवैज्ञानिक कारको का परीक्षण पूर्व में ही कर लेना चाहिए तथा चिकित्सकीय जाँच आदि की सूचना खेल चिकित्सक के माध्यम से प्राप्त कर खिलाड़ी को देना चाहिए।
  2. खेल चिकित्सा के द्वितीय लक्ष्य के अनुसार: यह सर्वविदित है कि खिलाड़ी के शरीर, मनोवैशानिक, चिकित्सीय कारक और अन्य विशेष कारकों को ध्यान में रखकर खिलाड़ी को लगने वाली चोटों से संभावित कारण से अवगत कराना उचित होता है जिससे कि वह खेल या प्रतियोगिता के दौरान अपने को चोटग्रस्त होने से बचा सके। खेलों में लगने वाली चोटों के कारण खिलाड़ी की खेल कौशल तकनीक में कमी, अपर्याप्त् गरमाना, अपर्याप्त् शारीरिक दक्षता, वातावरणीय कारक और अन्य मनोवैशानिक पहलू हो सकते है।
  3. खेल चिकित्सा के तृतीय लक्ष्य के अनुसार: जब खिलाड़ी खेल के दौरान या ट्रैकिंग के दौरान या प्रतियोगिता के दौरान चोटग्रस्त हो जाता है, तो खिलाड़ी था प्रशिक्षक को चाहिए कि वे तुरंत प्राथमिक उपचार के पश्चात सम्बन्धित खेल वैज्ञानिक विशेषज को सूचित करें जिससे कि चोट के इलाज, पुनर्वास और क्षतिपूर्ति का शीघ्र उपाय किया जा सके। चोटों के क्षतिपूर्ति और पुनर्वास के लिए सामान्यत: विभिन्न चिकित्सकीय तरीकों में जैसे जल उपचार (Hydro Therapy), किरणीय उपचार (Dia & Radiation Therapy) और पराध्वनि तरंगों (Vibrating Wave Therapy) आदि को उपयोग में लाया जाता है।
  4. खेल चिकित्सा के चतुर्थ लक्ष्य के अनुसार: खिलाड़ी के खेल के दौरान लगने वाली चोटों के बचाव पक्ष से खिलाड़ी को पूर्व में ही अवगत करा देना चाहिए जिससे कि वह अभ्यास या प्रतियोगिता के दौरान चोटग्रस्त न हो सके। इसके लिए खिलाड़ी, लगने वाली संभावित चोटों से अपना बचाव कर सके।

खेल चिकित्सा के उद्देश्य:

  1. खेल एवं क्रीडाओं की वैज्ञानिक उन्नति: खेल एवं क्रीड़ाओं की वैज्ञानिक उन्नति के लिए कुछ ऐसे पहलू है जिनका खिलाड़ी के प्रदर्शन पर विशिष्ट प्रभाव पड़ता है। वास्तविक परिणामों में शिथिलता एवं कमी आती है। अत: इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखना अति आवश्यक है जिनका वर्णन निम्नलिखित है:
    1. कोचिंग के कार्यक्रमों की योजना तैयार करना
    2. कोचिंग का मूल्यांकन करना
    3. चयनित निर्णय लेना
    4. मनोवैज्ञानिक परामर्श
    5. चोटों की रोकथाम
  2. स्वास्थ्य रक्षा
  3. खेल चिकित्सा विस्तार सेवा:

 अतः कहा जा सकता है कि खेल औषधि विज्ञान के माध्यम से खिलाड़ी की काफी समस्याओं का समाधान आसानी से हो जाता है। इसके लिए प्रत्येक खेल संस्थान में खेल चिकित्सक, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, चिकित्सालय आदि का होना आवश्यक है जिससे खिलाड़ी की समस्याओं, चोटो, रोगों आदि संबंधित कमियों को दूर किया जा सके।

Sponsor Area