वैश्विक निर्धनता की प्रवृत्तियों की चर्चा करें।
(i) विश्व बैंक की परिभाषा के अनुसार प्रतिदिन 1 डॉलर से कम पर जीवन निर्वाह करने वाले लोग अत्यंत आर्थिक निर्धनता के दयारे में आतें हैं। 1 डॉलर से कम पर जीवन निर्वाह में रहने वाले लोगों का अनुपात 1990 के 28 प्रतिशत से गिरकर 2001 में 21 प्रतिशत हो गया है।
(ii) यद्यपि वैश्विक निर्धनता में उल्लेखनीय गिरावट आई है, लेकिन इसमें बृहत क्षेत्रीय भिन्नताएँ पायी जाती। तीव्र आर्थिक प्रगति और मानव संसाधन विकास में बृहत निवेश के कारण चीन और दक्षिण-पूर्ण एशिया के देशों में निर्धनता में विशेष कमी आई है।
(iii) भारत में भारत में गरीबी भी कम हो गई है, लेकिन कमी की गति बहुत धीमी है। विश्व बैंक की परिभाषा के अनुसार, कुल आबादी का 35.3% अभी भी गरीबी रेखा से नीचे रह रहा है।गरीबी कम हो गई है, लेकिन कमी की गति बहुत धीमी है। विश्व बैंक की परिभाषा के अनुसार, कुल आबादी का 35.3% अभी भी गरीबी रेखा से नीचे रह रहा है।
(iv) सब-सहारा अफ्रीका में निर्धनता 1981में ४१% से बढ़कर 2001 में 46% हो गयी।
(v) रूस जैसे पूर्व समाजवादी देशों में भी निर्धनता पुन: व्यापत हो गयी है।



