अपने शब्दों में लिखिए कि इस अध्याय में आए निम्नलिखित वाक्य(पृष्ठ 44 -45) से आप क्या समझते है: अपनी बातों को मनवाने के लिए उन्होंने संघर्ष सुरु कर दिया l यह समानता का संघर्ष था l उनके लिए कानून का मतलब ऐसे नियम नहीं थे जिसका पालन करना उनकी मजबूरी हो वे कानून को उससे अलग ऐसी व्यवस्था के रूप देखना चाहते थे जो न्याय के विचार पर आधारित हों l
अंग्रेजो ने भारत पर काफी लम्बे समय तक राज किया उनका शासन पूरी तरह से मनमानेपन पर आधारित था l भारतीय राष्ट्रीय इससे तंग आ चुकी थी l अंग्रेजी सरकार कभी भी अपने अनुसार कानून को बदल देते थे l उनका कहना था कि वे ऐसा भारत में व्यवथा लाने के लिए करते है जबकि सच्चाई यह थी कि वे भारतीय जनता को परेशान और प्रताड़ित करने के लिए ऐसा करते थे l 1870 का राजद्रोह एक्ट अंग्रेजी शासन के मनमानेपन की मिसाल थी इसके मुताबिक कोई भी यदि ब्रिटिश सरकार का विरोध या आलोचना करता था तो उसे बिना मुकदमा चलाये गिरफ्तार कर लिया जा सकता था l
महात्मन गांधी सहित सभी भारतीय रॉयल एक्ट के सख्त खिलाफ थे l भारतीय राष्ट्रीयवादियों ने अंग्रेजो के इस मनमानेपन का विरोध किया अपनी बात मनवाने के लिए संघर्ष किया l उन्होंने समानता के लिए आवाज उठाई l वे उन कानूनों का पालन नहीं करना चाहते थे जिनमें उन्हें दबाया जाये या जिन्हे उन्हें केवल मजबूरी में स्वीकारना पड़े बल्कि वे सभी भारतीयों के लिए ऐसा कानून चाहते थे जहां सभी के लिए सामान रूप से न्याय हों l इसके लिए राष्ट्रीयवादी अंग्रेजो द्वारा बनाए गए कानूनों को तोड़ने लगे , नियमो का उलघंन करने लगे l