वियतनाम में साम्राज्यवाद विरोधी भावनाओं को जाग्रत करने में 'होआ-हाओ' आंदोलन की भूमिका का विश्लेषण कीजिए।
(i)होआ-होआ आंदोलन के संस्थापक जादू टोना और गरीबों की मदद किया करते थे।
(ii) यह आंदोलन उन्नीसवीं सदी के फ्रांसीसी विरोधी आन्दोलनों में उपजे विचारों से प्रेरित था।
(iii) वह व्यर्थ खर्चों के खिलाफ थे। इस सन्दर्भ में व्यापक रूप से लोगों से अनुरोध किया।
(iv) वह बालिका बधुओं की खरीद फरोक्त शराब व अफीम के प्रखर विरोधी थे।
(v) राजनीतिक दलों ऐसे आन्दोलनों से जुड़े जनसमर्थन का फायदा उठाने की तो कोशिश करते थे, लेकिन उनकी गतिविधियों से बेचैन भी रहते थे।
(vi) साम्रज्यवादी भावनाओं को झकझोरने में ऐसे आन्दोलनों के योगदान को कम करके नहीं आंका जा सकता।
(vii) ऐसे समूहों पर नियंत्रण और अपना अनुशासन कायम करने में काफी परेशानी महसूस होती थी; न ही वे उनके रीतिरिवाजों और व्यवहारों का समर्थन कर पाते थे।