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भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

Question
CBSEHHISSH10018510

“असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों का शोषण किया जाता है।“ क्या आप इस विचार से सहमत हैं? अपने उत्तर के समर्थन में कारण दीजिए।

Solution

हाँ, मैं इस दृष्टिकोण से सहमत हूँ कि असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों का शोषण किया जाता है।

कारण:
(i) असंगठित क्षेत्रक छोटी-छोटी और बिखरी इकाईयाँ, है जो बड़े पैमाने पर सरकार के नियंत्रण से बाहर होती हैं, इन क्षेत्रकों में सवेतन छुट्टी, अवकाश, बीमारी के कारण छुट्टी इत्यादि का कोई प्रावधान नहीं होता है।
(ii) इस क्षेत्रक के नियम और विनयम तो होते हैं परन्तु उनका अनुपालन नहीं होता हैं। वे कम वेतन वाले रोज़गार हैं और प्रायः:नियमित नहीं हैं।
(iii) यहाँ अतिरिक्त समय में काम करने, सवेतन छुट्टी, अवकाश, बीमारी के कारण छुट्टी इत्यादि का कोई प्रावधान नहीं हैं। रोज़गार सुरक्षित नहीं हैं।
(iv) श्रमिकों को बिना किसी कारण काम को छोड़ने के लिए कहा जा सकता है। कुछ मौसमों में जब काम कम होता है, तो कुछ लोगों को काम से छुट्टी दे दी जाती है।
(v) बहुत से लोग नियोक्ता की पसंद पर निर्भर होते हैं।

Some More Questions From भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक Chapter

सेवा क्षेत्रक में रोजगार में उत्पादन के समान अनुपात में वृद्धि  ..........। (हुई है/नहीं हुई है‌)

.............. क्षेत्रक के श्रमिक वस्तुओं का उत्पादन नहीं करते हैं। (तृतीयक/कृषि)

.............. क्षेत्रक के अधिकांश श्रमिकों को रोज़गार  सुरक्षा प्राप्त होती है। (संगठित/असंगठित)

भारत में .............. संख्या में श्रमिक असंगठित क्षेत्रक में काम कर रहे हैं। (बड़ी/छोटी)

कपास एक ............. उत्पाद है और कपड़ा एक .............उत्पाद है। (प्राकृतिक/विनिर्मित‌)

प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रक की गतिविधियाँ .............हैं। (स्वतंत्र/परस्पर निर्भर)

सार्वजनिक और निजी क्षेत्रक आधार पर विभाजित है।

एक वस्तु का अधिकांशत: प्राकृतिक प्रक्रिया से उत्पादन ...............क्षेत्रक की गतिविधि है।

किसी विशेष वर्ष में उत्पादित ............... के मूल्य के कुल योगफल को जी.डी.पी. कहते हैं।

जी.डी.पी के पदों में वर्ष 2003 में तृतीयक क्षेत्र की हिस्सेदारी ........... है।