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भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक

Question
CBSEHHISSH10018503

इस अध्याय में आए प्रत्येक क्षेत्रकों को रोजगार और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी‌) पर ही क्यों केंद्रित करना चाहिए? चर्चा करें।

Solution

इस अध्याय में वर्णित प्रत्येक क्षेत्र के लिए हमारा ध्यान रोज़गार और जी.डी.पी. पर होना चाहिए। क्योंकि, जीडीपी में वृद्धि और पूर्ण रोजगार हमारी पांच साल की योजनाओं के आम लक्ष्य हैं।

हां, जिन अन्य मुद्दों की जांच होनी चाहिए वे हैं:

(i) देश में संतुलित क्षेत्रीय विकास

(ii) देश के लोगों के बीच आय और धन की समानता

(iii) गरीबी उन्मूलन

(iv) प्रौद्योगिकी के आधुनिकीकरण

(v) देश की आत्मनिर्भरता ।

Some More Questions From भारतीय अर्थव्यवस्था के क्षेत्रक Chapter

भारत में .............. संख्या में श्रमिक असंगठित क्षेत्रक में काम कर रहे हैं। (बड़ी/छोटी)

कपास एक ............. उत्पाद है और कपड़ा एक .............उत्पाद है। (प्राकृतिक/विनिर्मित‌)

प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्रक की गतिविधियाँ .............हैं। (स्वतंत्र/परस्पर निर्भर)

सार्वजनिक और निजी क्षेत्रक आधार पर विभाजित है।

एक वस्तु का अधिकांशत: प्राकृतिक प्रक्रिया से उत्पादन ...............क्षेत्रक की गतिविधि है।

किसी विशेष वर्ष में उत्पादित ............... के मूल्य के कुल योगफल को जी.डी.पी. कहते हैं।

जी.डी.पी के पदों में वर्ष 2003 में तृतीयक क्षेत्र की हिस्सेदारी ........... है।

निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए

असंगत की पहचान करें और बताइए क्यों?
(क) पर्यटन-निर्देशक, धोबी, दर्जी, कुम्हार
(ख) शिक्षक, डॉक्टर, सब्जी विक्रेता, वकील
(ग) डाकिया, मोची, सैनिक, पुलिस कांस्टेबल
(घ) एम.टी.एन.एल., भारतीय रेल, एयर इंडिया, सहारा एयरलाइंस, ऑल इंडिया रेडियो।

 

एक शोध छात्र ने सूरत शहर में काम करने वाले लोगों से मिलकर निम्न आँकड़े जुटाए-

कार्य स्थान रोजगार की प्रकृति श्रमिकों का प्रतिशत
सरकार द्वारा पंजीकृत कार्यालयों और कारखानों में संगठित 15
औपचारिक अधिकार-पत्र सहित बाजारों में अपनी दुकान, कार्यालय और क्लिनिक   15
सड़कों पर काम करते लोग, निर्माण श्रमिक, घरेलू श्रमिक   20
छोटी कार्यशालाएँ, जो प्राय: सरकार द्वारा पंजीकृत नहीं हैं    

तालिका को पूरा कीजिए। इस शहर में असंगठित क्षेत्रक में श्रमिकों की प्रतिशतता क्या है?