परीक्षाओं के पश्चात् राकेश अपने मित्रों के साथ समीप के पार्क में पिकनिक पर गया। सभी अपने साथ भोजन-सामिग्री को प्लास्टिक की थैलियों अथवा डिब्बों में पैक करके ले गए। भोजन समाप्ति के पश्चात कुछ मित्रों ने बचे-कुचे भोजन और प्लास्टिक की थैलियों को एकत्र करके उसे जलाने की योजना बनाई परन्तु राकेश ने उन्हें तुरन्त ही ऐसा करने से रोका। उसने बची हुई भोजन-सामिग्री और फल के छिलकों को प्लास्टिक की थैलियों और डिब्बों से अलग करके पार्क के कोने में रखे क्रमशः हरे और लाल कूड़ेदानों में डालने का सुझाव दिया।
(a) आपके विचार से प्लास्टिक की वस्तुओं को जलाना अपशिष्टों के निपटारे की पर्यावरण-हितैशी वियदि है? क्यों? राकेश द्वारा सुझाए गए उपाय के लाभ लिखिए।
(b) पार्कों और सड़कों को स्वच्छ रखने में हम किस प्रकार योगदान दे सकते हैं?
(a) जली हुई प्लास्टिक हानिकारक गैसों के उत्पादन से वायु प्रदूषण का कारण बनती है क्योंकि कचरे के निपटान का पर्यावरण-अनुकूल तरीका नहीं है। जैविक और गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे को अलग करने की राकेश की विधि फायदेमंद है क्योंकि फलों के बचे हुए खाद्य और छिलके जैसे जैवसंयोज्य पदार्थ हैं और वे खाद के रूप में काम कर सकते हैं, जबकि प्लास्टिक बैग और डिब्बे गैर-बायोडिग्रैडबल हैं और शारीरिक रूप से इनका पुनः नवीनीकरण किया जा सकता है; इस प्रकार, पर्यावरण को साफ रखने के लिए राकेश की वियधि फायदेमंद है तो आज से आप सभी इसका पालन करेंगे।
(b) हम पार्कों और सड़कों को साफ रख सकते हैं:
i) हरे रंग की कचरे में बीओड्रिडेडबल अपशिष्ट और लाल डस्टबिन में गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे को फेंकना।
ii) सड़कों और पार्कों पर थूकने से लोगों को रोकना।
iii) केवल कचरे और कूड़े को कूड़ेदान में फेंकना।



