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प्रकाश - परावर्तन तथा अपवर्तन

Question
CBSEHHISCH10015458

प्रकाश किरण आरेख खींचने के लिए हम दो किरणों का उपयोग करते हैं। इन किरणों को इस प्रकार चुनते हैं की दर्पण से परावर्तन के पश्चात इनकी दिशाएँ सरलता से ज्ञात की जा सकें। इस प्रकार की दो करने चुनिए तथा अवतल दर्पण से परावर्तन के पश्चात इन किरणों के पथ की दिशा लिखिए। इन दोनों किरणों का उपयोग 10 cm फोकस दूरी के अवतल दर्पण से 15 cm दूरी पर स्थित किसी बिम्ब के दर्पण द्वारा बने प्रतिबिम्ब की प्रकृति और स्थिति ज्ञात करने में कीजिए।

Solution
प्रकाश किरण आरेख के निर्माण के लिए चुनी गयी दो किरणें :
किरण 1 : जब किरणें प्रमुख अक्ष के समानांतर होती हैं, तो परिलक्षित किरण अवतल दर्पण के फोकस के माध्यम से पारित हो जाती है या उत्तल दर्पण के फोकस के माध्यम से प्रतीत होता है।

किरण 2 : जब घटना की किरण गुजरती है या वक्रता के केंद्र के माध्यम से गुजरती दिखाई देती है, तो प्रकाश, गोलाकार दर्पण से प्रतिबिंब के बाद, उसी पथ के साथ वापस प्रतिबिंबित करता है।
बनाई गई छवि वास्तविक है और वक्रता के केंद्र से परे बनाई जाती है।

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Some More Questions From प्रकाश - परावर्तन तथा अपवर्तन Chapter


सारणी से अधिकतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को ज्ञात कीजिए। न्यूनतम प्रकाशिक घनत्व के माध्यम को भी ज्ञात कीजिए।

हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। इस कथन का जय अभिप्राय है?

किसी लेंस क 1 डाइऑप्टर क्षमता को परिभाषित कीजिए।

निम्न में से कौन-सा पदार्थ लेंस बनाने में प्रयुक्त नहीं किया जा सकता?

किसी बिंब का अवतल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा बिंब से बड़ा पाया गया। वस्तु की स्थिति कहाँ होनी चाहिए?

किसी बिंब का वास्तविक तथा समान साइज़ का प्रतिबिंब प्राप्त करने के लिए बिंब को उत्तल लेंस के सामने कहाँ रखें?

किसी गोलीय दर्पण तथा किसी पतले गोलीय लेंस दोनों की फोकस दूरियाँ - 15cm हैं। दर्पण तथा लेंस संभवत: हैं-