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विभाजन को समझना

Question
CBSEHHIHSH12028369

मौखिक इतिहास के फायदे/नुकसानों की पड़ताल कीजिए। मौखिक इतिहास की पद्धतियों से विभाजन के बारे में हमारी समझ को किस तरह विस्तार मिलता है?

Solution

मौखिक इतिहास का प्रयोग हम विभाजन को समझने के लिए करते हैं। इन स्रोतों से हमें विभाजन के दौर में सामान्य लोगों के कष्टों और संताप को समझने में मदद मिलती हैं।

मौखिक इतिहास के फायदे:

  1. मौखिक इतिहास हमें विभाजन से संबंधित अनुभवों एवं स्मृतियों को और अधिक सूक्ष्मता से समझने में सहायता मिलती हैं।
  2. इन स्मृतियों के माध्यम से इतिहासकारों को विभाजन जैसी दर्दनाक घटना के दौरान लोगों को किन-किन शारिक और मानसिक पीड़ाओं को झेलना पड़ा, का बहुरंगी एवं सजीव वृतांत लिखने में सहायता मिलती हैं।
  3. मौखिक इतिहास विभाजन के दौरान जनसामान्य और विशेष रूप से महिलाओं द्वारा झेली जाने वाली पीड़ा को समझने में हमे महत्वपूर्ण सहायता प्रदान करता है।

मौखिक इतिहास के नुकसान:

  1. अनेक इतिहासकारों के विचारानुसार मौखिक जानकारियों में सटीकता नहीं होतीं। अतः उनसे घटनाओं के जिस क्रम का निर्माण किया जाता है, वह अकसर सही नहीं होता। 
  2. मौखिक इतिहास के खिलाफ यह भी तर्क दिया जाता है की व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर किसी सामान्य निष्कर्ष पर पहुँचना सरल नहीं होता।
  3. इतिहासकारों के मतानुसार मौखिक विवरणों का संबंध केवल सतही मुद्दों से होता है। यादों में संचित किए जाने वाले छोटे-छोटे अनुभवों से इतिहास की विशाल प्रक्रियाओं के कारणों को ढूंढ़ने में में कोई महत्त्वपूर्ण सहायता नहीं मिलती।

मौखिक इतिहास और विभाजन के बारे में हमारी समझ का विस्तार: मौखिक इतिहास से विभाजन के बारे में हमारी समझ को काफी विस्तार मिला है। मौखिक स्रोतों से जन इतिहास को उजागर करने में मदद मिलती है। वे गरीबों और कमजोरों के अनुभवों को उपेक्षा के अंधकार से बाहर निकाल पाते हैं। ऐसा करके वे इतिहास जैसे विषय की सीमाओं को और फैलाने का अवसर प्रदान करते हैं। उदाहरण के लिए मौखिक स्रोत से हमने अब्दुल लतीफ के पिता की घटना, लतीफ की भावनाएँ, थुआ गाँव की औरतों की कहानी और सद्द्भावनापूर्ण प्रयासों की कहानियों को जाना।
डॉ खुशदेव सिंह के प्रति कराची में गए मुसलमान आप्रवासियों की मनोदशा को समझ पाए। शरणार्थियों के द्वारा किए  गए संघर्ष को भी मौखिक स्रोतों द्वारा समझा जा सकता है। इस प्रकार इस स्रोत से इतिहास में समाज के ऊपर के लोगों से आगे जाकर सामान्य लोगों की पड़ताल करने में सफलता मिलती है। सामान्यत: आम लोगों के वजूद को नज़र -अंदाज कर दिया जाता है या इतिहास में चलते- चलते जिक्र कर दिया जाता है।

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