शंकु के छिन्नक के आकार की एक बाल्टी के निचले तथा ऊपरी किनारों के व्यास क्रमशः 10 सेंटीमीटर तथा 30 सेंटीमीटर है। यदि भारती की ऊंचाई 24 सेंटीमीटर है तो ज्ञात कीजिए।
(i) बाल्टी को बनाने में लगने वाली धातु की सीट का क्षेत्रफल।
(ii) बाल्टी बनाने में सामान्य प्लास्टिक को क्यों नहीं लगाना चाहिए। [π =3.14 ]
माना r1 = 5 cm और r2 = 15cm निचले और ऊपरी परिपत्र की त्रिज्या हैं।
AB = CD = 5 cm
DE = 15 – 5 = 10 cm
and BD = 24 cm
∴ BE2 = BD2 + DE2
= 576 + 100
BE2 = 676
BE = 26 cm =l
बाल्टी को बनाने में लगने वाली धातु की सीट का क्षेत्रफल
(ii) बाल्टी बनाने में सामान्य प्लास्टिक को इसलिए नहीं लगाना चाहिए क्यूँकि एक साधारण प्लास्टिक तनाव के कारण आसानी से टूट सकती है।