राम विलाप करते हुए क्या कहते हैं?
राम विलाप करते हुए कहते हैं-जैसे पंख के बिना पक्षी, मणि के बिना साँप, सूँड के बिना हाथी की दयनीय दशा हो जाती है वैसी ही दशा उनकी हो गई है। लक्ष्मण के बिना उनकी (राम की) दशा वैसी ही हो गई है।
राम विलाप करते हुए क्या कहते हैं?
राम विलाप करते हुए कहते हैं-जैसे पंख के बिना पक्षी, मणि के बिना साँप, सूँड के बिना हाथी की दयनीय दशा हो जाती है वैसी ही दशा उनकी हो गई है। लक्ष्मण के बिना उनकी (राम की) दशा वैसी ही हो गई है।
तुलसीदास ने दरिद्रता की तुलना किससे की है और क्यों?
इस समस्या पर कैसे काबू पाया जा सकता है।
(CBSE 2008 Outside)
रजपूतू कहौ, जोलहा कही कोऊ।
काहूकी बेटीसों बेटा न व्याहब,
काहूकी जाति बिगार न सोऊ।।
तुलसी सरनाम गुलामु है रामको,
जाको रुचै सो कहै कछु ओऊ।।
माँगि कै खैबो, मसीतको सोइबो,
लैबो को एकु न दैबे को दोऊ।।
इस कवित्त में कवि तुलसी लोगों से क्या कहते हैं?
तुलसीदास तत्कालीन समाज की परवाह क्यों नहीं करते थे?
तुलसीदास स्वयं को किसका गुलाम मानते हैं?
तुलसीदास अपना जीवन-निर्वाह, किस प्रकार करते हैं?
अस कहि आयसु पाइ पद बंदि चलेउ हनुमंत।।
भरत बाहु बल सील गुन प्रभु पद प्रीति अपार।
मन महूँ जात सराहत पुनि पुनि पवनकुमार।।
कवि और कविता का नाम लिखिए।
हनुमान ने संजीवनी बूटी लाने के विषय में राम से क्या कहा?
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