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गोस्वामी तुलसीदास

Question
CBSEENHN12026339

राम विलाप करते हुए क्या कहते हैं?

Solution

राम विलाप करते हुए कहते हैं-जैसे पंख के बिना पक्षी, मणि के बिना साँप, सूँड के बिना हाथी की दयनीय दशा हो जाती है वैसी ही दशा उनकी हो गई है। लक्ष्मण के बिना उनकी (राम की) दशा वैसी ही हो गई है।

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इस समस्या पर कैसे काबू पाया जा सकता है।

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

धूत कहौ, अवधूत कहा,

(CBSE 2008 Outside)

रजपूतू कहौ, जोलहा कही कोऊ।

काहूकी बेटीसों बेटा न व्याहब,

काहूकी जाति बिगार न सोऊ।।

तुलसी सरनाम गुलामु है रामको,

जाको रुचै सो कहै कछु ओऊ।।

माँगि कै खैबो, मसीतको सोइबो,

लैबो को एकु न दैबे को दोऊ।।

इस कवित्त में कवि तुलसी लोगों से क्या कहते हैं?

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दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

तव प्रताप उर राखि प्रभु जैहउँ नाथ तुरंत।

अस कहि आयसु पाइ पद बंदि चलेउ हनुमंत।।

भरत बाहु बल सील गुन प्रभु पद प्रीति अपार।

मन महूँ जात सराहत पुनि पुनि पवनकुमार।।

कवि और कविता का नाम लिखिए।

हनुमान ने संजीवनी बूटी लाने के विषय में राम से क्या कहा?