निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
सो अनुराग कहाँ अब भाई।
उठहु न सुनि मम बच बिकलाई।।
जौं जनतेउ बन बंधु बिछोहू।
पितु बचन मनतेऊँ नहिं ओहू।।
1. इस काव्याशं में किसकी काकुल अवस्था का चित्रण हुआ है?
2. अनुप्रास अलंकार छाँटकर बताइए।
3. भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
1. लक्ष्मण-मूर्च्छा के समय राम इतने व्याकुल हो गए कि वे इसके लिए स्वयं को दोषी मानने लगे। वे तो यहाँ तक सोचने लगे कि यदि मुझे मातृ-बिछोह का आभास तक होता तो मैं पिता का वचन तक नहीं मानता अर्थात् पितृ वचन की तुलना में उन्हें भाई का जीवन प्यारा है। राम की विलापावस्था अत्यंत कारुणिक है।
2. जौं जनतेऊँ, बन बंधु बिछोह में अनुप्रास अलंकार का प्रयोग है।
3. तुकांत शब्दों का प्रयोग है।
करुण रस का संचार हुआ है।
अवधी भाषा का प्रयोग है।