निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
तब प्रताप उर राखि प्रभु जैहऊँ नाथ तुरंत।
अस कहि आयसु बाइ पद यदि चलेऊ हनुमंत।।
भरत बाहु बल सील गुन प्रभु पद प्रीति अपार।
मन महूँ जात सराहत पुनि-पुनि पवन कुमार।।
1. इस काव्याशं का कार्य-विषय क्या है?
2. अलंकार-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
3. भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
1. इस काव्यांश में हनुमान द्वारा लक्ष्मण के लिए संजीवनी बूटी लाने का वर्णन है।
2. ‘पुनि-पुनि’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
‘बाहुबल’, ‘पद प्रीति’, ‘मन महुँ’, पुनि-पुनि पवन’ आदि स्थलों पर अनुप्रास अलंकार की छटा है।
3. ब्रजभाषा की सहज अभिव्यक्ति है।
‘पवन कुमार’ हनुमान के लिए प्रयुक्त हुआ है।