निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए:
जथा पंख बिनु खग अति दीना।
मनि बिनु फनि करिबर कर हीना।।
अस सम जिवन बंधु बिनु तोही।
जी जड़ दैव जिआवै। मोही।।
1. इन पंक्तियों में किस अवस्था का चित्रण हुआ है?
2. अलंकार-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए।
3. भाषा-शैली पर प्रकाश डालिए।
1. इन काव्य-पंक्तियों में लक्ष्मण के मूर्च्छित होने पर बड़े भाई राम के विलाप का मार्मिक अंकन हुआ है। राम भाई के अभाव में अपने भावी जीवन की कल्पना कर सिहर उठते हैं। वे अन्य पशु-पक्षियों की दशा के साथ अपनी तुलना करने लगते हैं-जैसे पंख के बिना पक्षी, मणि के बिना सर्प, सूँड के बिना हाथी अति दीन-हीन हो जाते हैं, वही दशा उनकी भी हो जाएगी। वे दैव को जड़ बताने से भी नहीं चूकते।
2. अनेक दृष्टांत देकर अपनी बात स्पष्ट करने में दृष्टांत अलंकार का प्रयोग हुआ है।
‘जो जड़’ में तथ: ‘करिबर कर’ में अनुप्रास अलंकार है।
3. अवधी भाषा का प्रयोग हुआ है।
छंद: चौपाई।
रस: करुण रस।