दिये गये पंक्तियों को पढ़कर सभी प्रश्नों का उत्तर दें:
जैहउँ अवध कवन मुहूँ लाई। नारि हेतु प्रिय भाइ गँवाई।। बस अपजस सहतेउँ जग माहीं। नारि हानि बिसेष छति नाहीं।। अब अपलोकु सोकु सुत तोरा। सहिहि निठुर कठोर उर मोरा।। निज जननी के एक कुमारा। तात तासु तुम्ह प्रान अधारा।। सौंपेसि मोहि तुम्हहि गहि पानी। सब विधि सुखद परम हित जानी।। उतरु काह दैहउँ तेहि जाई। उठि किन मोहि सिखावहू भाई।।
1. राम के शोक और प्रलाप का कारण क्या है?
2. प्रस्तुत पंक्तियों में नारी के बारे में क्या दृष्टिकोण है? उससे आप कहाँ तक सहमत हैं?
3. लक्ष्मण के होश में न आने पर राम के हृदय को कौन-कौन से कष्ट व्यथित कर रहे हैं?
1. राम के शोक और प्रलाप का कारण लक्ष्मण का मूर्च्छित होना है। हनुमान बूटी लेकर लौटे नहीं है और लक्ष्मण की मूर्च्छा टूटी नहीं है।
2. प्रस्तुत पंक्तियों में नारी के प्रति यह दृष्टिकोण व्यक्त हुआ है कि नारी की हानि कोई विशेष क्षति नहीं है। भाई का खोना ज्यादा दुखदायी है। अर्थात् नारी (पत्नी) पर भाई को वरीयता दी गई है। हम इस दृष्टिकोण से सहमत नहीं हैं। सभी बराबर हैं।
3. लक्ष्मण के होश में न आने पर राम के हृदय को ये कष्ट व्यथित कर रहे हैं-
● मैं लक्ष्मण की माता को क्या उत्तर दूँगा। उन्होंने मुझे उसका परम हितकारी मानकर सौंपा था।
● मेरा निष्ठुर और कठोर हृदय इस अपयश और शोक को कैसे बर्दाश्त कर पाएगा।