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गोस्वामी तुलसीदास

Question
CBSEENHN12026378

कालिदास के रघुवंश महाकाव्य में पत्नी (इंदुमती) के मृत्यु-शोक पर अज तथा निराला की सरोज-स्मृति में पुत्री ( सरोज) के मृत्यु-शोक पर पिता के करुण उद्गार निकले हैं। उनसे भ्रातृशोक में डूबे राम के इस विलाप की तुलना करें।

Solution

निराला ने अपने शोक-गीत ‘सरोज-स्मृति’ में अपने पितृत्व का पूर्ण निर्वाह न कर कपानेका प्रायश्चित किया है। वे पुत्री सरोज की आकस्मिक मृत्यु पर व्यथित हो जाते हैं। वह युवावस्था में ही मर गई थी। उनका विलाप ज्यादा है क्योंकि वह पुत्री की मृत्यु के परिणामस्वरूप उपजा है।

भ्रातृशोक में डूबे राम का विलाप इसलिए निराला की तुलना में कम है क्योंकि अभी लक्ष्मण के जीवित हो जाने की आशा बनी हुई है। लक्ष्मण का इलाज चल रहा है।

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जीविका विहीन लोग किस सोच में पड़े रहते हैं?

तुलसीदास ने दरिद्रता की तुलना किससे की है और क्यों?

इस समस्या पर कैसे काबू पाया जा सकता है।

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

धूत कहौ, अवधूत कहा,

(CBSE 2008 Outside)

रजपूतू कहौ, जोलहा कही कोऊ।

काहूकी बेटीसों बेटा न व्याहब,

काहूकी जाति बिगार न सोऊ।।

तुलसी सरनाम गुलामु है रामको,

जाको रुचै सो कहै कछु ओऊ।।

माँगि कै खैबो, मसीतको सोइबो,

लैबो को एकु न दैबे को दोऊ।।

इस कवित्त में कवि तुलसी लोगों से क्या कहते हैं?

तुलसीदास तत्कालीन समाज की परवाह क्यों नहीं करते थे?

तुलसीदास स्वयं को किसका गुलाम मानते हैं?

तुलसीदास अपना जीवन-निर्वाह, किस प्रकार करते हैं?

दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें

तव प्रताप उर राखि प्रभु जैहउँ नाथ तुरंत।

अस कहि आयसु पाइ पद बंदि चलेउ हनुमंत।।

भरत बाहु बल सील गुन प्रभु पद प्रीति अपार।

मन महूँ जात सराहत पुनि पुनि पवनकुमार।।

कवि और कविता का नाम लिखिए।