पाताली अँधेरे में तथा गुहाओं और’ धुएँ के बादलों में कवि बिल्कुल लापता हो जाने में भी संतोष का अनुभव क्यों करता है?
क्योंकि कवि अपने ज्ञान के प्रकाश से अति सतर्कता से, कोमलता से तंग आ गया है और अब वह अज्ञानी, छूमुढ़ंवेदन-शून्य होकर जीना चाहता है। वह सोचता है कि वहाँ उसे प्रिय की अनुभूतियों के घेराव से छुटकारा मिल जाएगा। वहाँ वह एक गुमनाम जिंदगी जी सकेगा। वहाँ वह अपराध-बोध से भी मुक्ति पा लेगा।
उसके संतोष का दूसरा कारण यह भी है कि अँधेरी गुफाओं में भी प्रिया की संवेदनाएँ उसे सहारा प्रदान करेंगी।