निम्नलिखित काव्यांशों को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दीजिए:
सवेरा हुआ
खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा
शरद आया पुलों को पार करते हुए
अपनी नई चमकीली साइकिल तेजं चलाते हुए
घंटी बजाते हुए जो़र- जो़र से
चमकीले इशारों से बुलाते हुए।
1) प्रातःकाल की तुलना किससे की गई है और क्यों?
2) काव्यांश के बिंब को स्पष्ट कीजिए।
3) मानवीकरण के सौंदर्य पर टिप्पणी कीजिए।
1) प्रात:काल की तुलना खरगोश की आँखों की लालिमा से की गई है। खरगोश की आँखें लाल होती हैं और प्रात:काल का सवेरा भी लालिमा लिए हुए होता है। रंग और चमक की समानता दर्शाने के लिए यह तुलना की गई है।
2)काव्यांश का बिंब:
दृश्य बिंब: ‘खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा’-इसमें सवेरे के दृश्य की कल्पना खरगोश और उसकी लाल आँखों के रूप में की गई है।
श्रव्य बिंब: ‘घंटी बजाते हुए जोर-शोर’ में साइकिल चलाते बच्चों का बिंब साकार हो उठा है।
3) इस काव्यांश मानवीकरण का सौंदर्य देखते बनता है-”शरद आया पुलों को पार करते हुए अपनी नई चमकीली साइकिल तेज चलाते हुए ....” इसमें शरद ऋतु का मानवीकरण किया गया है। उसे पुल पार करते, साइकिल चलाते हुए दर्शाया है। इनमें मानवीय क्रियाओं का समावेश हुआ है।?