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तोप

Question
CBSEENHN10002428

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिये-
उड़ा दिए थे मैंने
अच्छे–अच्छे सूरमाओं के धज्जे।

Solution

इन पंक्तियों में तोप ने अपनी गाथा को सुनाया है। उसने भाव प्रस्तुत किया हैं कि 1857 की क्रांति की सामने उसने अपने आगे किसी की नही सुनी थी। उसके सामने वीर से वीर भी नहीं टिक पता था । उसने अच्छे अच्छे सूरमाओं की धज्जियाँ उड़ा दी थी।