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बड़े भाई साहब

Question
CBSEENHN10002477

निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
आँखें आसमान की ओर थीं और मन उस आकाशगामी पथिक की ओर, जो मंद गति से झूमता पतन की ओर चला आ रहा था, मानो कोई आत्मा स्वर्ग से निकलकर विरक्त मन से नए संस्कार ग्रहण करने जा रही हो।

Solution

लेखक जब पंतग लूट रहा था तो उसकी आँखे आसमान की ओर थी और मन पंतग रूपी शहगीर की तरह। उसे पंतग एक दिव्य आत्मा जैसी लग रही थी जो धीरे-धीरे नीचे आ रही थी और वह उसे पाने के लिए दौड़ रहा था।

Some More Questions From बड़े भाई साहब Chapter

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 पक्तियों में) लिखिए -
बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 पक्तियों में) लिखिए -
बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे और क्यों? 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 पक्तियों में) लिखिए -
छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का क्या फ़ायदा उठाया?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
बड़े भाई की डाँट-फटकार अगर न मिलती, तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता? अपने विचार प्रकट कीजिए।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है? क्या आप उनके विचार से सहमत हैं?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
छोटे भाई के मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा क्यों उत्पन्न हुई?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
बड़े भाई की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
बड़े भाई साहब ने ज़िंदगी के अनुभव और किताबी ज्ञान में से किसे और क्यों महत्वपूर्ण कहा है?

बताइए पाठ के किन अंशों से पता चलता है कि -
छोटा भाई अपने भाई साहब का आदर करता है।