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बड़े भाई साहब

Question
CBSEENHN10002475

निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए-
फिर भी जैसे मौत और विपत्ति के बीच भी आदमी मोह और माया के बंधन में जकड़ा रहता है, मैं फटकार और घुडकियाँ खाकर भी खेल-कूद का तिरस्कार न कर सकता था।
 

Solution

इस पंक्ति का आशय यह है कि जिस प्रकार मनुष्य किसी भी परिस्थिति में अपनी मोह-माया को त्याग नहीं सकता ठीक उसी प्रकार छोटा भाई भी अपने खेल-कूद का त्याग नहीं कर पा रहा था। लेखक हर समय अपने खेलकूद, सैरसपाटे में मस्त रहता और बड़े भाई से डाँट खाता था परन्तु फिर भी खेलकूद नहीं छोड़ता था।

Some More Questions From बड़े भाई साहब Chapter

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 पक्तियों में) लिखिए -
छोटे भाई ने अपनी पढ़ाई का टाइम-टेबिल बनाते समय क्या-क्या सोचा और फिर उसका पालन क्यों नहीं कर पाया?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 पक्तियों में) लिखिए -
एक दिन जब गुल्ली-डंडा खेलने के बाद छोटे भाई बड़े भाई साहब के सामने पहुँचा तो उनकी क्या प्रतिक्रिया हुई?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 पक्तियों में) लिखिए -
बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दबानी पड़ती थीं?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 पक्तियों में) लिखिए -
बड़े भाई साहब छोटे भाई को क्या सलाह देते थे और क्यों? 

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (25-30 पक्तियों में) लिखिए -
छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का क्या फ़ायदा उठाया?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
बड़े भाई की डाँट-फटकार अगर न मिलती, तो क्या छोटा भाई कक्षा में अव्वल आता? अपने विचार प्रकट कीजिए।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
इस पाठ में लेखक ने समूची शिक्षा के किन तौर-तरीकों पर व्यंग्य किया है? क्या आप उनके विचार से सहमत हैं?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
बड़े भाई साहब के अनुसार जीवन की समझ कैसे आती है?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
छोटे भाई के मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा क्यों उत्पन्न हुई?

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए -
बड़े भाई की स्वभावगत विशेषताएँ बताइए?