Question
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
गर्मियों में उनकी ‘संझा’ कितनी उमसभरी शाम को न शीतल करती! अपने घर के आँगन में आसन जमा बैठते। गाँव के उनके कुछ प्रेमी भी जुट जाते। खँजड़ियों और करतालों की भरमार हो जाती। एक पद बालगोबिन भगत कह जाते, उनकी प्रेमी-मंडली उसे दुहराती, तिहराती। धीरे-धीरे स्वर ऊँचा होने लगता-एक निश्चित ताल, एक निश्चित गति से। उस ताल-स्वर के चढ़ाव के साथ श्रोताओं के मन भी ऊपर उठने लगते। धीरे-धीरे मन तन पर हावी हो जाता। होते-होते, एक क्षण ऐसा आता कि बीच में खँजड़ी लिए बालगोबिन भगत नाच रहे हैं और उनके साथ ही सबके तन और मन नृत्यशील हो उठे हैं। सारा आँगन नृत्य और संगीत से ओतप्रोत है।
होते-होते कौन-सा क्षण आ जाता था?
Solution
इस प्रकार भक्ति-रस में लीन होकर वह क्षण आ जाता था जब भावविभोर होकर बालगोबिन भगत खंजड़ी बजाते हुए नाचने लगते थे तथा उनकी प्रेमी-मंडली के सदस्य उनके चारों ओर घेरा बना कर नाचने लगते थे। ऐसे समय में सारा वातावरण ही संगीत की ताल पर नाचता हुआ लगता था।