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स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा

Question
CBSEENHN10002230

नेता जी की मूर्ति को देखकर क्या याद आने लगता था?

Solution
नगरपालिका ने कस्बे के चौराहे पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा स्थापित करवाई थी। लोग जब भी नेताजी की मूर्ति को देखते तो उन्हें नेता जी का आजादी के दिनों वाला जोश याद आने लगता था। उन्हें नेता जी के वे नारे याद आते थे जो लोगों में उत्साह भर देते थे जैसे ‘दिल्ली चलो’ और ‘तुम मुझे खून दो’। उनकी मूर्ति देखकर लोगों को प्रतीत होता था कि कोई उन्हें देश के नवनिर्माण में पुकार रहा है।

Some More Questions From स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा Chapter

सेनानी न होते हुए भी चश्मे बाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?

हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा-
हालदार साहब पहले मायूस क्यों हो गए थे?

हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा-
 मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?

हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा-
हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे?

आशय स्पष्ट कीजिए
“बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िन्दगी सब कुछ होम देने वालों पर हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है।”

पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए।

“वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!”
कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर आपकी क्या प्रतिक्रिया लिखिए

निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं-
हालदार साहब हमेशा चौराहे पर रुकते और नेताजी को निहारते।

निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं-
पानवाला उदास हो गया। उसने पीछे मुड़कर मुँह का पान नीचे थूका और सिर झुकाकर अपनी धोती के सिरे से आँखें पोंछता हुआ बोला-साहब! कैप्टन मर गया।

निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं-
कैप्टन बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगा देता था।