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स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा

Question
CBSEENHN10002222

लेखक का अनुमान है कि नेता जी की मूर्ति बनाने का काम मजबूरी में ही स्थानीय कलाकार को दिया गया - 
हम अपने इलाके के शिल्पकार, संगीतकार, चित्रकार एवं दूसरे कलाकारों के काम को कैसे महत्व और प्रोत्साहन दे सकते हैं, लिखिए।

Solution
हमें अपने क्षेत्र के शिल्पकार, संगीतकार, चित्रकार एवं दूसरे कलाकारों के काम को समय-समय पर प्रोत्साहन देना चाहिए। उन्हें अपनी कला दिखाने के लिए नए-नए अवसर दे सकते हैं। किसी त्योहार या राष्ट्रीय पर्व के अवसर पर इन लोगों को अपनी कला दिखाने के लिए समागम करने चाहिए। इनकी कला के अनुरूप इन्हें प्रोत्साहन राशि देनी चाहिए जिससे इनकी आर्थिक स्थिति सुधरे और यह अपनी कला में निखार लाए। इन लोगों की कला को क्षेत्र के बड़े-बड़े लोग स्पोंसर करके इन्हें आगे बढ़ने का अवसर दे सकते हैं।

Some More Questions From स्वयं प्रकाश - नेताजी का चश्मा Chapter

हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा-
 मूर्ति पर सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है?

हालदार साहब ने ड्राइवर को पहले चौराहे पर गाड़ी रोकने के लिए मना किया था लेकिन बाद में तुरंत रोकने को कहा-
हालदार साहब इतनी-सी बात पर भावुक क्यों हो उठे?

आशय स्पष्ट कीजिए
“बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी-जवानी-ज़िन्दगी सब कुछ होम देने वालों पर हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है।”

पानवाले का एक रेखाचित्र प्रस्तुत कीजिए।

“वो लँगड़ा क्या जाएगा फ़ौज में। पागल है पागल!”
कैप्टन के प्रति पानवाले की इस टिप्पणी पर आपकी क्या प्रतिक्रिया लिखिए

निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं-
हालदार साहब हमेशा चौराहे पर रुकते और नेताजी को निहारते।

निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं-
पानवाला उदास हो गया। उसने पीछे मुड़कर मुँह का पान नीचे थूका और सिर झुकाकर अपनी धोती के सिरे से आँखें पोंछता हुआ बोला-साहब! कैप्टन मर गया।

निम्नलिखित वाक्य पात्रों की कौन-सी विशेषता की ओर संकेत करते हैं-
कैप्टन बार-बार मूर्ति पर चश्मा लगा देता था।

जब तक हालदार साहब ने कैप्टन को साक्षात् देखा नहीं था तब तक उनके पास मानस पटल पर उसका कौन-सा चित्र रहा होगा, अपनी कल्पना से लिखिए।

कस्बों, शहरों, महानगरों के चौराहों पर किसी-न-किसी क्षेत्र के प्रसिद्‌ध व्यक्ति की मूर्ति लगाने का प्रचलन-सा हो गया है।
इस तरह की मूर्ति लगाने का क्या उद्देश्य हो सकते हैं?