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रामवृक्ष बेनीपुरी- बालगोबिन भगत

Question
CBSEENHN10002293

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर दीजिये:
आसमान बादल से घिरा; धूप का नाम नहीं। ठंडी पुरवाई चल रही। ऐसे ही समय आपके कानों में एक स्वर-तरंग झंकार-सी कर उठी। यह क्या है-यह कौन है! यह पूछना न पड़ेगा। बालगोबिन भगत समूचा शरीर कीचड़ में लिथड़े अपने खेत में रोपनी कर रहे हैं। उनकी अँगुली एक-एक धान के पौधे को, पंक्तिबद्‌ध, खेत में बिठा रही है। उनका कंठ एक-एक शन को संगीत के जीने पर चढ़ाकर कुछ को ऊपर, स्वर्ग की ओर भेज रहा है और कुछ को इस पृथ्वी की मिट्‌टी पर खड़े लोगों के कानों की ओर! बच्चे खेलते हुए झूम उठते हैं; मेंड़ पर खड़ी औरतों के होंठ काँप उठते हैं, वे गुनगुनाने लगती हैं; हलवाहों के पैर ताल से उठने लगते हैं; रोपनी करने बालों की अँगुलियाँ एक अजीब क्रम से चलने लगती हैं! बालगोबिन भगत का यह संगीत है या जादू!

बालगोबिन भक्त अपने खेल में किसकी पौध रोप रहे थे?
  • गेहूँ
  • धान
  • गन्ना
  • मक्का

Solution

B.

धान

Some More Questions From रामवृक्ष बेनीपुरी- बालगोबिन भगत Chapter

भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएं किस तरह व्यक्त कीं?

भगत के व्यक्तित्व और उनकी बेशभूषा का अपने शब्दों में चित्र प्रस्तुत कीजिए।

बालगोबिन भगत की दिनचर्या लोगों के अचरज का कारण क्यों थी?

पाठ के आधार पर भगत के मधुर गायन की विशेषताँ लिखिए।

कुछ मार्मिक प्रसंगों के आधार पर यह दिखाई देता है कि बालगोबिन भगत प्रचलित सामाजिक मान्यताओं को नहीं मानते थे। पाठ के आधार पर उन प्रसंगों का उल्लेख कीजिये

धान की रोपाई के समय समूचे माहौल को भगत की स्वर लहरियाँ किस तरह चमत्कृत कर देती थी? उस माहौल का शब्द चित्र प्रस्तुत करें।

पाठ के आधार पर बताएँ कि बालगोबिन भगत की कबीर पर श्रद्धा किन-किन रूपों में प्रकट हुई है?

आपकी दृष्टि में भगत की कबीर पर अगाध श्रद्धा के क्या कारण रहे होंगे?

गाँव का सामाजिक-सांस्कृतिक परिवेश आषाढ़ चढ़ते ही उल्लास से क्यों भर जाता है?

“ऊपर की तस्वीर से यह नहीं माना जाए कि बालगोबिन भगत साधु थे।” क्या साधु की पहचान पहनावे के आधार पर की जानी चाहिए? आप किन आधारों पर यह सुनिश्चित करेंगे कि अमुक व्यक्ति ‘साधु’ है?