Question
आप अपने घर की छत से पूर्णिमा की रात देखिए तथा उसके सौंदर्य को अपनी कलम से शब्दबद्ध कीजिए।
Solution
मेरा घर यमुना-किनारे से कुछ ही दूरी पर है जिस के दोनों किनारे हरे-भरे पेड़ों और सरकंडों और झाड़ियों से भरे रहते हैं। पूर्णिमा की रात को सारा आकाश तो चाँदनी से जगमगाता ही है पर यमुना नदी का पानी भी उससे जगमाता-सा प्रतीत होता है। जब पानी की लहरें तेजी से आगे बढ़ती है तो चाँद के चमकीले टुकड़े-दुकड़े से उन पर सवार उछलते-कूदते-से प्रतीत होते हैं। अंधेरी रातों में प्राय: न दिखाई देने वाले पेड़ चाँदनी में अपना काला रूप लिए दिखाए देते हैं। वे सुंदर नहीं लगते। वे कुछ-कुछ डरावने से प्रतीत होते हैं। चाँदनी रात में कोई- कोई नौका यमुना में तैरती और आगे बढ़ती बहुत सुंदर लगती है।