Question
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये:
फटिक सिलानि सौं सुधारयौ सुधा मंदिर,
उदधि दधि को सो अधिकाइ उमगे अमंद।
बाहर ते भीतर लौं भीति न दिखैए ‘देव’,
दूध को सो फेन फैल्यो आँगन फरसबंद।
तारा सी तरुनि तामें ठाढ़ी झिलमिली होति,
मोतिन की जोति मिल्यो मल्लिका को मकरंद।
आरसी से अंबर में आभा सी उजारी लगै,
प्यारी राधिका को प्रतिबिंब सो लगत चंद।।
पद में किन अलंकारों का प्रयोग किया गया है?
Solution
सभंग यमक- • उदधि दधि।
रुपक- • उदधि दही।
अनुप्रास-
• ‘सिलानि सौ सुधारयौ सुधा’।
• ‘फेन फैल्यो’।
• ‘तारा सी तरुनि तामें’, ‘मोतिन की जोति’।
• ‘मिल्यो मल्लिका को मकरंद’।
उत्पेक्षा- • फटिक सिलानि सौं सुधारयौ सुधा मंदिर।
व्यतिरेक- • प्यारी राधिका को प्रतिबिंब सो लगत चंद।
उपमा- • दूध को सोफेन फैल्यो चिन फरसबंद।
• तारा-सीस तरुनि तामें ठाढ़ी झिलमिली होति
• आरसी से अंबर में
• आभा सी उजारी लगै।