Question
निम्नलिखित पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रशनों के उत्तर दीजिये -
हमारैं हरि हारिल की लकरी।
मन क्रम बचन नंद-नंदन उर, यह दृढ़ करि पकरी।
जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि, कान्ह-कान्ह जक री।
सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यौं करुई ककरी।
सु तौ व्याधि हमकौं लै आए, देखी सुनी न करो।
यह तो ‘सूर’ तिनहिं लै सौंपो, जिन के मन चकरी।।
अलंकार छाँट कर लिखिए।
Solution
रूपक- • हमारैं हरि हारिल की लकरी।
अनुप्रास-
• हमारैं हरि हारिल
• जागत सोवत स्वप्न दिवस-निसि
• करुई ककरी
• नंद-नंदन
उपमा- • सुनत जोग लागत है ऐसौ, ज्यों, करुई ककरी।
रूपकातिशयोक्ति- • सु तौ व्याधि हमकौं लै आए।
स्वरमैत्री- • देखी सुनी न करी।
पुनरुक्ति-प्रकाश- • कान्ह-कान्ह।