कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि 'काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?' कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए?
बच्चो की इस स्थिति के लिए उनकी आर्थिक स्थिति ही नही यह समाज भी जिम्मेवार है। केवल कवि के विवरण मात्र से ही उनकी आवश्यकताओं की पूर्ति नही की जा सकती। इसके लिए समाज को इस समस्या से जागरूक करने के लिए तथा उसके समाधान के लिए ठोस कदम उठाने के लिए बात को प्रश्न रूप में ही पूछा जाना उचित होगा।



