-->

किस तरह आखिरकार मैं हिंदी में आया

Question
CBSEENHN9001218

लेखक ने अपने जीवन में जिन कठिनाइयों को झेला है, उनके बारे में लिखिए।

Solution

पाठ पढ़ने पर हमें लेखक के जीवन की कठिनाईयों के बारे में पता चलता है -
लेखक ने अपने जीवन में प्रारम्भ से ही अनेक कठिनाइयों को झेला। वह किसी के व्यंग्य-बाण का शिकार होकर केवल पाँच - सात रूपए लेकर ही दिल्ली चला गया। वह बिना फीस के पेंटिंग के उकील स्कूल में भर्ती हो गया। वहाँ उसे साइन - बोर्ड पैंट करके गुजारा चलाना पड़ा। लेखक की पत्नी का टी.बी. के कारण देहांत हो गया था, और वे युवावस्था में ही विधुर हो गए। इसलिए उन्हें पत्नी - वियोग का पीड़ा भी झेलना पड़ा। बाद में एक घटना -चक्र में लेखक अपनी ससुराल देहरादून आ गया। वहाँ वह एक दूकान पर कम्पाउंडरी सिखने लगे। वह बच्चन जी के आग्रह पर इलाहाबाद चला गया। वहाँ बच्चन जी के पिता उसके लोकल गार्जियन बने। बच्चन जी ने ही उसकी एम्.ए. की पढ़ाई का खर्चा उठाया। बाद में उसने इंडियन प्रेस में अनुबाद का काम भी किया। उसे हिन्दू बोर्डिंग हाउस के कामन-रूम में एक सीट फ्री मिल गयी थी। तब भी वह आर्थिक संघर्ष से जूझ रहा था।

Some More Questions From किस तरह आखिरकार मैं हिंदी में आया Chapter